बिदेसी बाबू
बिसराये ब्यौहार , पहिर अँगरेजी चोला
महतारी अउ बाप , नजर नइ आवै तोला
जाये बर परदेस , तियागे कुटुम – कबीला
बन सुविधा के दास , करे बिरथा जिनगी ला
का पाबे परदेस ले , नाता – रिस्ता जोड़ के
असली सुख इहिंचे मिलै , झन जा घर ला छोड़ के
छप्पय छन्द
डाँड़ (पद) – ६, ,चरन – १२, पहिली ४ डाँड़ रोला अउ बाद के २ डाँड़ उल्लाला होथे. माने छप्पय छन्द हर १ रोला अउ १ उल्लाला ला मिला के बनाये जाथे.
तुकांत के नियम – पहिली ४ डाँड़ रोला हे त रोला के नियम लागू होही , आखरी २ डाँड़ उल्लाला हे त उल्लाला के नियम लागू होही
हर डाँड़ मा कुल मातरा – रोला मा २४ मातरा अउ उल्लाला मा २६ या २८ मातरा
यति / बाधा – रोला अउ उल्लाला के नियम अनुसार
छप्पय छन्द के सुरु के चार डाँड़ रोला हे. (११-१३ यति वाले चार डाँड़)
बिसराये ब्यौहार , पहिर अँगरेजी चोला
महतारी अउ बाप , नजर नइ आवै तोला
जाये बर परदेस , तियागे कुटुम – कबीला
बन सुविधा के दास , करे बिरथा जिनगी ला
छप्पय छन्द के आखिरी के दू डाँड़ उल्लाला हे. (१३,१३ यति वाले दू डाँड़)
का पाबे परदेस ले , नाता – रिस्ता जोड़ के
असली सुख इहिंचे मिलै , झन जा घर ला छोड़ के
–अरुण कुमार निगम
एच.आई.जी. १ / २४
आदित्य नगर, दुर्ग
छत्तीसगढ़
एके बार म समझ म आगे धन्यवाद अरुण जी संजीव भाई
सुग्घर समझाय हव निगम सर